Thursday 4 August 2011

ग्राम अधौरा में सम्पादित चिकित्सा शिविर



देश में राजनितिक और सामाजिक संकट गहराया हुआ है क्योंकी जिमेदार ओहदों पर बैठे लोग समाज के प्रति अपने  उत्तरदायित्व का निर्वाह नहीं कर रहे हैं ! इसी के परिणाम स्वरूप नक्सलवाद एक समस्या बनकर नौ राज्यों में उभरा है ! श्री सर्वेश्वरी समूह के संस्थापक परमपूज्य अघोरेश्वर भगवान् राम जी ने इन्ही सामाजिक संकट से निजात दिलाने के लिए कहा था कि "जिसे जीवित जाग्रत प्राणियों से प्रेम नहीं होता उसे मंदिरके देवता व् मस्जिद के सुन्य निराकार ईश्वर से प्रेम नहीं हो सकता" ! परमपूज्य के मुखरबिन्द से निकले इसी सन्देश को ध्यान में रखते हुए प्रधान कार्यालय, श्री  सर्वेश्वरी समूह ने माह अप्रेल २०११ में घोर निर्जर स्थान और आपसी जातीय संघर्स के सिकार बिहार के कैमूर इलाके के ग्राम अधौरा की पहाड़ियों में एक निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया और २०३० ग्रामीण रोगियों के समस्त रोगों का इलाज कर औसधियों को वितरण किया गया  ! यह ऐसा झेत्र है जहा आपराधिक  तत्वों के भय से रात्रि तो दूर दिन में भी प्रशासन के लोग जाने से कतराते थे !


 विदित हो की संस्था द्वारा लगाये गये इस शिविर में इसी संस्था दुवारा प्रथम बार लगाये गये शिविर का प्रभाव वहां के रोगियों एवं वातावरण में प्रत्यझ दिखाई दे रहा था ! इस झेत्र में सरकार द्वारा स्वीकृति स्वास्थ्य संबंथी सेवाये प्रशासनिक कमजोरी के चलते उपलब्ध नहीं हो पाती थी ! सेवा के नाम पर सिर्फ एक डाकिया ही था जो कभी-कभार उनलोगों की मदद कर देता था ! संस्था की इस पहल के पश्चात राज्य सरकार के लोग भी इस झेत्र में जाकर ग्रामीण लोगों की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने लगे! अप्रेल २०११ में आयोजित चिकित्सा शिविर में विभिन्न राज्यों से आये हुए लगभग २० चिकित्सक शामिल थे ! इससे पूर्व भी नौगढ़, चंदौली में ऐसे ही परिस्थितियों में एक चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया था ! संस्था के इस प्रयास के बाद इन झेत्रों में भी नियुक्त चिकित्सक निर्भय होकर ग्रामीणों को अपनी सेवाएं देने लगे !

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