Wednesday 15 July 2015



प्रिय सुधर्मा !
जिस-जिस स्थान पर जाने से लोगो मे कुदृष्टि उत्पन्न हो , कुविचार उत्पन्न हो , अपना अपकृत हो , अपनी बदनामी हो , अपने मे व्यथा उत्पन्न हो प्रिय सुधर्मा ! उस स्थान पर भूलकर भी नही जाना चाहिए ।भूलकर भी उस स्थान के लोगो से सम्पर्क नही करना चाहिए , क्यो की वहॉ अपकृत उत्पन्न होता है ।
लोगो की दृष्टि आप साधुओं के लिए खराब हो सकती है ।
-----------------अघोरेश्वर भगवान राम ।




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