सुधर्मा, ग्रामीण ग्रहस्थो के घर-परिवार में कलह का कारन अलसी बहुओ का आगमन, निष्क्रिय बहुयों का आगमन, चोर बहुओ का आगमन, कमजोर बहुओ का आगमन होता है | कहो कैसे ?
एक बहु मसाला पीसने से, सिल लोधा चलने से बचना चाहती है | एक बहु बर्तन मांजने से, घर के फटे पुराने वस्त्र सीने से बचना चाहती है| एक बहु घर के कपडे साफ करने से, नौकर चाकर या अतिथि का सत्कार करने से बचना चाहती है| रुचिकर भोजन देने से और घर की सम्पति में से चोरी करने से घर परिवार में कलह का आगमन होता है | उस घर में भोजन अरुचिकर लगता है एक दुसरे का असहयोग होने लगता है | एक दुसरे को ताना मरने लगते हैं | वह घर-परिवार अपने आप में अशोभनीय हो जाता है अपने आपमें कलह का निवास हो जाता है, अपने आप में बाट-बटवारा का स्रोत बन जाता है |
सद्ग्रहथो के यहाँ भी विद्या है और अच्छे संस्कार न होने के कारण बहुतेरे घरो में, परिवारों में कलह और बाट बखरा का उदय होना आलसी और निष्क्रिय बहुओ का आगमन ही है सुधर्मा |
Very true....
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